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सुबह भी उदास होई शाम भी उदास होई.
उजर कपडा मे लपेटल हमार लाश होई.
ऐ दफनावेवाला हमके उँहा दफनईह,
जहाँ हमरा सनम के लाश होई
रात में जागल मत कर् सूत लीहल कर्
अइसहीं मन में आँसू मत रोकल कर् रो लिहल कर्
हमरा ईयाद में त हरमेसे रहेलस गुमसुम
कबो कबो अपनो के ईयाद कर् लिहल कर्
बीना बतवले उ ना जाने काहे हमसे दूरी क लिहलन,
बिछड. के ऊ हमार मुहबबत अधूरे छोर दिहलन
हमरे मुककदर में खाली गम बा त का भइल
खुदा उनकर खवाइस त पुरा कर दिहलन |
मेहन्दी रंग लावेला सुखला के बाद,
दोस्ती याद आवेला छुटला के बाद.
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी
उजरल घर में अब केके ढूँढ़त बाड. तु
बरबाद भईला पर ओकर ठिकाना ना रहेला
मौसम क मिसाल देही या तोहार
केहू पूछत बा कि बदले केकरा आवेला.
जे तहरा खातिर काँट बने तू कर दऽ ओकरा भाला,
उहो सार समुझ जइहन कि पड़ल केहू से पाला |
करिया साडी पर कढाई ना होला.
जानम तहरा याद मे पढाई ना होला.
हमके कब चाह रहे कि हमके ऊ चाँद मिले य़ा असमान मिले!
खाली एगो तमन्ना रहे की हमार ऊ सपना के जहाँ मिले !!
हजार चेहरा में एगो तु ही रहल जेकरा पर हम मर मिटली
वर्ना न त चाहत क कमी रहे ना त चाहे वालन क कमी रहे |
टूटल अईसन दिल आवाज तक ना आईल
हम कईसे जीयत बानी केहू जीके त बतावस
सभ केहू व्यस्त बा अपना जिनिगी का भँवर में. अइसना में एगो चुटपुटिहा धीरे से कहि जाले कि केहू बा, जे तोहरा के भुलाईल नईखे.
मरद मूड़ी आ मेहरी गरदन होले. गरदन मूड़ी के जब जेने मन करेला वोइसे घुमा लेले.
दिल से निकलल हर बात एगो जज्बात होला
प्यार से बोली वोह बोली के एगो अजबे सौगात होला
कबो आजु ले अघाईल नईखे एह नेह छोह के बोली पे
जब दिल टुटेला त आंखि से भादो असि बरसात होला
उजाला आपन याद क हमरे साथ रहे द
न जाने कवने गली में जिनगी क शाम हो जाइ.
Hamar ho ke bhi tu hamar na bhailu,
Badu Duniya me ta milabu kabhi bhale
dosarake To ho gailu, Ihe umid lagawale
rahani ki Tu yi duniya chhod ke na jane ka kho Gailu
तोहार दिल हमार दिल बराबर हो नाहीं सकता
उ शीशा हो नाहीं सकता इ पत्थर हो नाहीं सकता
दर्द बा केतना बताई कइसे
अब तू ही बता द भुलाई कइसे.
तन के, मन के, घर आंगन के कीचड़ पाँक हटा दीं. प्रेम प्रीत के रंग अबीर हँस के खूब लगा दीं. |
दूर त बहुत बाडू पर इतना जान लीहा,
लगे रहिके कौनो रिश्ता बहुत ख़ास ना होला !
तू त हमारे दिल के इतना करीब बाडू,
कि दूर होवे क एहसास ना होला !!.. .
रूह समाईल बा ई देह में, देह इ जहान में फसल बा
ज़िंनगी ईहे सिलसिला से बस आगे बढ़ रहल बा
दर्द बा केतना बताई कइसे
अब तू ही बता द भुलाई कइसे…
दिल से निकलल हर बात एगो जज्बात होला
प्यार से बोली वोह बोली के एगो अजबे सौगात होला
कबो आजु ले अघाईल नईखे एह नेह छोह के बोली पे
जब दिल टुटेला त आंखि से भादो असि बरसात होला.
दिल के हमरा आज ई अहसास हो गईल,
केहू आपन लोगवा के भीड़ में भुला गईल.!
कईसे उनका के अपना पास बोलाई,
रह-रह के ऊ हमरा से आउरी दूर ओ गईल.!!
दरद दे के दरद बढावल ना जाला
दीप जलाके दीप बुझावल ना जाला
प्रेम केतनो बढ़ी पर बेगाना ना होई
दिल लगाके दिल हटावल ना जाला
केहू खातिर चार पल के इन्तजार गरज हऽ,
चार घण्टा भरोसा हऽ,
चार दिन दोस्ती हऽ,
आ चार जनम प्यार हऽ!
चढते फगुनवा जियरा जरि गईल हो..!
हमार सजना सनेहिया बिसार गईलन हो..!
बिन बात के रूठे क आदत रहे,
केहू आपन क साथ पावे क चाहत रहे,
तु खुश रहअ, हमार का..!
हम त आइना हई, हमके त टूटे क आदत हवे..!!
जिनिगी अब पहाड़ जइसन लागे लगल बा
सुखला में बाढ़ जइसे लागे लगल बा
कुछुओ कहाँ बा आपन अब, सब झूठीये के भरम बा
साँसो अब उधार जइसन लागे लगल बा |
जिंदगी भर हम जिंदगी से दूर रहनी ,
तहरा खातिर हम अपनों से दूर रहनी ,
अब एह से बढ़ के वफ़ा के सजा का होई ,
तहार हो के तहरो से दूर रहनी |
रात में जागल मत कर् सूत लीहल कर्,
अइसहीं मन में आँसू मत रोकल कर् रो लिहल कर्..
! हमरा ईयाद में त हरमेसे रहेलस गुमसुम,
कबो कबो अपनो के ईयाद कर् लिहल कर्..!
काहो नींद अब त आवल करअ, केहू नईखे अब हमरा पास
जेकरा खातीर तहरा के छोड़ले रहीं
ऊ त अब छोड़ के चल गईनी
जियत जिनगी ना भुला पाईब तोहरा के
गली में घुमत रहेब तोहार नाम ले-लेके
एही तरह कहीं अगर हम मर गइनी
त हमार रुह भी भटकत रही तहरे पीछे…
रोशनी चाँद से होला सितारन से ना,
प्यार एक से होला हजारन से ना।
मौसम क मिसाल देही या तोहार..!
केहू पूछत बा कि बदले केकरा आवेला..!
हर कोई पूछत ता इ आँख में नमी काहे बा
कइसे कही की इ आँख में आसू के वजह रउवे बानी !
जियत बानी जिंदगी ‘लेकिन’
हमर जीये के वजह भी रउवे बानी….!
शीशा के दिल बनल रहे.
टुटल बिखर गईल.
साथी एगो मिलल रहे,
मिलके बिछड गईल.
घुट घुट के भितरे भितरे दर्द के लोर पी रहल बानी,
कागज कलम के सँघतिया बना के होठवा के सी रहल बानी..!
मन होला मर जइतीं उनके चौकठ पर जा के,
उनकर बदनामी के डर से आज ले जी रहल बानी..!!
तलास कर ओकर जे केहु के पास ना होखे
भुला द ओहके जेपर पर विश्वास ना होखे
हम त गमो मे हँसेनी काहेकि
सामने वाला उदास ना होखे |
तन्हाई के हद के कवनो हिसाब काहे नईखे,
किस्मत के सवाल के कवनो जबाब काहे नईखे ..
काहे बनावत बाडू बालू पर महल, एक दिन खुदे मितायिबू तू ,
आज कहबू की हमरा से प्यार बा तहरा, एक दिन हमार नाम तक भूल जई बू तू…
काहें याद मिलन क एक बेर भी ना कईलु,
छोड़ी मोरी नगरी तू कवने नगर चली गईलू
कबहूँ त भोर होई, कबहूँ छँटी कुहासा
‘भावुक’ ई मान लऽ तू आगे अन्हार नइखे |
अईसन परिंदन के कईद कईल हमार फितरत नईखे..!
जे हमरा दिल के पिंजरा में रहके भी केहू आउर के संग उड़े क शउख रखे..!!
सब तरहे क सिकवा सह लेही ला
जिनगी य़ेही तरे जी लेही ला.
मिला लेही ला हाथ जेसे दोस्ती क
ओइ हाथ से फिर जहरो पीये पड़ेला |
उजरल घर में अब केके ढूँढ़त बाड. तु
बरबाद भईला पर ओकर ठिकाना ना रहेला |
हम जब भी डूबल चाहीला
आकाश के ई नील गगनवा में
न जाने काहें..!ई घनघोर बदरा
नाय़ बन के हमके बचा लेवेला
भोजपुरिया शायरी |
उजाला आपन याद क हमरे साथ रहे द
न जाने कवने गली में जिनगी क शाम हो जाइ.
हम आउर हमार चाँद.
अक्सर अधियारी रतिया में.
एक-दुसरा के बात में डूबके.
जागल करी ल जा रात भर
ऊ काजल रहे-हमरे आँख क
आंसू मे घुल के बह आईल.
आऊर ठहर गईल रहे हमरा हथेली पर
जइसे ऎगो बूंद करीया मोती लेखा |
चोट दिल के एतना गहिर बा केहू से इज़हार का करी,
हम खुदहिं निशाना बन गईली केहूके घायल बा करी,
मर गईली हम लेकिन खुलल रहल अँखियाँ,
अब एहसे ढेर इंतज़ार केहू के का करी।
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